।।पांडे जी की मूंछे ।। पांडे जी , पांडे जी , मूछें आपकी बेहरम सी, एक , रौब मूंछो का , दूजी गर्मी वर्दी की । पांडे जी , पांडे जी , मूंछे आपकी बेहरहम सी , चले तो, हाथी सी चाल हैं , बोले तो, सिंह सी दहाड़ है, वर्दी का है नशा बड़ा , पांडे जी कि मूछें कमाल है। पांडे जी , पांडे जी , मूछें आपकी बेहरम सी, देखें तो , Ak47 सा वार है, उठें तो, मूंछो में भी धार है। एक ताव पर लाखो घायल, पांडे जी की मूछें हथियार है। पांडे जी , पांडे जी , मूछें आपकी बेहरम सी, नजर न लगे इन मूंछो को , रखना संभाल के पांडे जी , मूछें आपकी का ति ला ना , न करना गुमान , पांडे जी , पांडे जी , मूंछे आपकी बेरहम सी । एक , रौब मूंछो का , दूजी गर्मी वर्दी की । पांडे जी , पांडे जी, पांडे जी, पांडे जी ।। - पवन कुमार वर्मा ( प व न ) 12 मार्च 2021
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