Skip to main content

न्याय।

एक अपराध की कोशिश होती है ।
और पूरी हो जाती है । 
दर्ज हो जाते है मामले 
भिन्न भिन्न धाराओं में
चलती है तफ्तीशें , 
अदालतों में पेश होती है दलीलें ,
पेश होती है आरोपी पक्ष से अपीलें ।

कोई,
रसूखदार हो तो परिचय डगमगा देता है
 कदाचित् लोक सेवकों के पांव ,
लेकिन फिर भी न्याय तो न्याय है ,
अंततः
वह तो मिल ही जाता फरियादी को ,
लेकिन कर नहीं पाता न्याय ,
क्योंकि  वह बिक जाता है ।
नीलाम हो जाता है फरियादी की मजबूरियों में ,
और गिर जाता है न्याय ,अन्यायी के पाले में ।

संवेदनाएं अभी भी होती है साथ
किंतु फरियादी करता नहीं प्रतिकार,
मंजूर कर लेता है अपनी हार,
क्योंकि 
वह समझता है, 
वह नहीं है रसूखदार,
 न ही वह कानूनी तजुर्बेकार ,
उसे नहीं मिल सकता न्याय।
 मूंद लेता है आंखे ,
न्याय देवी की तरह
 बांध लेता है वह भी आंखो पर पट्टी ,
न्याय के तराजू में
नहीं डाल पाता सबूतो का भार ,


न्याय तो न्याय है वह तो लुढक ही रहा है ,
किसी न किसी पाले में ,
स्थिर नहीं रहा सका कभी यह,
 रहा है स्वतंत्र कब तक ?
दशको से चला है उत्तोलक के सिंद्धांत पर, 
आलंबो के सहारे चला है लोकतंत्र में
न्याय  अब तक ।

#पवन कुमार वर्मा ।
@03/06/2020














Comments

Popular posts from this blog

एक तुम हों, एक हम हो

।। गीत ।। चाहतें , कम न हो । बातें , खत्म न हो। एक तुम हो ,  एक हम हों, न कोई गम हो , जब तुम संग  हो। मैं कहूं तुमको , तुम सुनो न, मैं देखू जरा , तुम रुको न ।  एक बार,  कह दो न। तुम मेरे ......हो।  मैं चाहुं तुम्हें , तुम चाहो न , एसा बनें, इक आशियां । न छूटे साथ , हो ये कि, तुम मेरे.......... हो ।, कम न हो , ये मुहबत्तें ,  यादे कभी खत्म न हो, लम्हों की  डोर कहे न , तुम मेरे..... हो।  पर्दे न हों , न हो जुदां, दूरियां न हो दरमियां। बातें हों,  नजरो से, के तुम  मेरे .....  हो। एक तुम हो ,  एक हम हों,  न कोई गम हो , जब संग  तुम  हो। -   पवन कुमार वर्मा " प व न "       12.03.2022

ओ भोलेनाथ रे ...

मेरे भोले नाथ !   ओ भोले नाथ रे , नाथो के नाथ , दीनानाथ रे. मेरे भोले नाथ रे.... करा दो भव से बेड़ा पार रे।...........1   ओ भोले नाथ रे , मेरे भोले नाथ रे....   ए विषधर , जटाधर , नीलकंठ , दीनबंधु , हर लो सारे कष्ट मेरे ए श्रीकंण्ठ प्रभु , हटा दो विपदा के बादल ओ भोलेनाथ रे , मेरे भोले नाथ रे.... ओ भोलेनाथ रे... कर दो जीवन खुशहाल , मेरे भोलेनाथ रे ।......2   ओ भोले नाथ रे , मेरे भोले नाथ रे....   ए अनीश्वर , सदाशिव ओ- शंकर शम्भू , करो दया मुझ पर ओ दयानिधान प्रभु , बता दो जीवन का सार ,  ए भोलेनाथ रे ,   मेरे भोलेनाथ रे। ओ भोलेनाथ रे... करा दो भव से मुक्ति पार , मेरे भोले नाथ रे।......3 ओ भोले नाथ रे , मेरे भोले नाथ रे....   -  प व न पवन कुमार वर्मा शिमला, हिमाचल प्रदेश 

क्या से क्या हो गया हूँ मैं,

।।गीत।।   क्या से क्या हो गया हूँ मैं, तेरे बिना, जाने कहां खो गया हूँ मैं ।   मेरी जिन्दगी और तन्हा रास्तें, गम में भी खुश हूं तेरे वास्ते, मैं अकेला हो गया हूँ । तेरे बिना , जाने कहां खो गया हूँ मैं ।   मेरे जिस्म को चुभती है शामें, तेरे ख्यालों में कटती है रातें , मैं बेजुबां हो गया हूं । तेरे बिना, जाने कहां खो गया हूँ मैं ।   गर्द हो गई दीवारो पर तस्वीरें, गुमसुम हो गई गुजश्ता शामें मैं बे-जर हो गया हूं, तेरे बिना, जाने कहां खो गया हूं मैं ।   क्या से क्या हो गया हूँ मैं, तेरे बिना, जाने कहां खो गया हूँ मैं ।     – प व न # पवन कुमार वर्मा 10फरवरी2021