Tuesday 12 May 2020

देव बथिंदलु स्तुति



जय हो देवा मेरै बथिंदलुआ.............








जय हो देवा मेरेै बथिंदलुआ, महाराजया मेरे ओ शाटकया।
माता भगवती बोलू तां-साथे, तेरे पूजा करू जियु  क देवा ।।

उंदे के बोलू सतलुज रा किनारा , उबड़ा तैरा मंदिर प्यारा।
बांका अ तेरी भज्जी रा नजारा , गानवीं-पलग स्थान न्यारा।।

पालकी रा तेरी नजारा शोपटा,चार भाये नचाओ जियु लबदा। 
चालो जौ गूर रा शांगल चिमटा ,बाजौ ढोल नगाड़े हरणशिंगा ।

तेरै पंच बैठे बोलौ परमेश्वरो री, फैसले देओ माछ रे हक दै।
जय जय कार  कुर्बाण करो ,तेरे नाओं जप य आवहान् करो।।

अर्जो करु आपणेै दुःख तेरेेै द्वारेै, दुःख सुख लो शुणी तू म्हारे।
बाट जे तू जीवणै रे दिखा , छोटू समझय माफ कर पाप म्हारे।।


किरपा करे राखे तू उम्र सारी, हरे ल म्हरी सारी हारी बमारी।
शक्तेै दे तू जियु दे लड़ने कै, सरीकौ न राखी उम्र ज्यूंदे सारी ।।

जय हो देवा मेरै बथिदलुआ , महाराजया मेरै ओ शाटकया।
माता भगवती बोलू तां-साथे, भूल चूक सारी माफ चाऊ देवा।।

                                                            
 #पवन कुमार वर्मा । 
दिनांक 12.05.2020


शब्दार्थः-
               01. जियु                     - दिल , हृदय
               02. उंदे                      -नीचे की तरफ
               03.  शोपटा                 -सुंदर, मनमोहक
               04.  लबदा, लोब         - लुभावना ,मन मोहक
               05.  गूर                       - एसा इंसान जिसमें देवता प्रवेश करते है ।
               06.  हरण शिंगा           - देवनृत्य में बजाया जाने वाला पहाड़ी वाद्य यंत्र इसे रण शिंगा भी कहते हैं ।
               05. माछ, मैच्छ            - इंसान आदमी,
               06. नाओं                     - नाम
               07. बाट                      - रास्ता
               08. किरपा                  -कृपा , अनुग्रह।
               09. सरीक                   - दुश्मन, बुरा चाहने वाला
               10. चाउ                      -चाहता हूँ ।
           
प्रिय दोस्तो ,
                यह कविता/गीत  भज्जी रियासत के प्रसिद्ध देवता महाराज बथिंदलु जी की स्तुति में भज्जी की स्थानीय भाषा में लिखने का प्रयास किया गया है। देवता बथिंदलु जी का मंदिर गांव पलग,गानवीं ,तैहसील सुन्नी पुरानी रियासत भज्जी  जिला शिमला में है हलांकि इनका पुराना व मूल स्थान गांव पजैली रियासत भज्जी में माना जाता है । देवता बथिंदलु महाराजा के साथ देव शाटका व माता भगवती जी हैे ,साथ ही अन्य शक्तियां भी है , जो देव महाराज बथिंदलू की ध्वजा व परचम को लहराये हुए हैं । इसके अतिरिक्त भज्जी रियासत में ही व शिमला के अन्य स्थानो पर भी देव बथिंदलु  शाटका महाराज व मां भगवती के पूजनीय स्थल है। देव बथिंदलु शाटका महाराज मां भगवती के बारे में यदि आपके पास भी कोई सटीक जानकारी है तो कमैंट सैक्शन में अवश्य लिखें जिससे की हमें भी औऱ अधिक जानकारी प्राप्त होगी ।
                                      धन्यवाद ,
                                                                          #पवन कुमार वर्मा ।


1 comment:

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