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खोया हूं पतझड़ सा कहीं ।।

खोया हूं पतझड़ सा कहीं ।। खोया हूं पतझड़ सा कहीं ,आकर बंसंत कर दो। संग कुछ रंग खुशी के,  तुम मेरे जीवन में भर दो ।............1 मालूम नहीं कितना मरा हूं या कितना जिंदा हूँ मैं , बस मेरा साथ देकर तुम ,मुझे फिर जिंदा कर दो।...........2 अधूरी ख्वाहिशे हैं इस दिल में और कुछ टूटे सपने, आशा है पूरे करेंगे , लेकिन तुम मुझे हौंसला भर दो।.........3 उलझ गई  जो डोर  दुनियां की आपाधापी में कहीं , तुम जिंदगी की इस डोर में  एक नई तरंग भर दो ।...........4 तुम्हें देखकर दिल ही दिल पसंद आया हमें किरदार , इल्तेजा है कि हमसफर होकर ये चमन हसीन कर दो ।.........5 - पवन कुमार वर्मा  ( प व न )

आजकल हम कुछ खुश रहने लगे हैं......

आजकल हम कुछ खुश से रहने लगे हैं , उनसे नहीं शिकायत हम कहने लगे है। चुप जो थे हम  गमों को लेकर अरसे से, जिक्र कर उनसे हम बेफिक्र रहने लगे हैं । किसी बात की नहीं हम ढूंढते अब वजह, यूं ही अब हम बेवजह खोये रहने लगें हैं। न कोई गिला किसी से न कोई रंज ए दिल, हम तो यूं हीं बेख्याली में डूबे रहने लगे हैं। कभी जो थे देखकर अपनी खुशी में  खुशी उनसे मिलके दूसरों के लिये  जीने लगे है। #पवन कुमार वर्मा  13 मई 2020