तुम हो कहीं मेरी आंखो में ख्वाबों में .......
तुम हो कहीं मेरी आंखो में मेरे ख्वाबो में
क्यो हो तुम ही मेरी बातो में जज्बातो में।...1
भूल जो गया हूं तुमको मैं दिल से अपने,
फिर क्यो जिंदा हो मेरी यादो में रातो में।....2
मुझे फिक्र नही है तुम्हारी परवाह नही है,
तो क्यों हो फिर भी तुम मेरे सवालातो में।....3
कितना सोचता हूँ के कहूं कुछ तुम्हे बुरा।
फिर क्यों जिंदा हो तुम तारीफो में बातो में।...4
बहुत कोशिश की तुम्हें ख्वाबो से मिटाने की,
जाने क्यो फिर भी बने रहे तुम ख्यालाते में।।..5
- प व न
कितना सोचता हूँ के कहूं कुछ तुम्हे बुरा।
फिर क्यों जिंदा हो तुम तारीफो में बातो में।...4
बहुत कोशिश की तुम्हें ख्वाबो से मिटाने की,
जाने क्यो फिर भी बने रहे तुम ख्यालाते में।।..5
- प व न
#पवन कुमार वर्मा ।
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