खोया हूं पतझड़ सा कहीं ।। खोया हूं पतझड़ सा कहीं ,आकर बंसंत कर दो। संग कुछ रंग खुशी के, तुम मेरे जीवन में भर दो ।............1 मालूम नहीं कितना मरा हूं या कितना जिंदा हूँ मैं , बस मेरा साथ देकर तुम ,मुझे फिर जिंदा कर दो।...........2 अधूरी ख्वाहिशे हैं इस दिल में और कुछ टूटे सपने, आशा है पूरे करेंगे , लेकिन तुम मुझे हौंसला भर दो।.........3 उलझ गई जो डोर दुनियां की आपाधापी में कहीं , तुम जिंदगी की इस डोर में एक नई तरंग भर दो ।...........4 तुम्हें देखकर दिल ही दिल पसंद आया हमें किरदार , इल्तेजा है कि हमसफर होकर ये चमन हसीन कर दो ।.........5 - पवन कुमार वर्मा ( प व न )
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