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Showing posts from November, 2019

कुछ तो असर होता है लम्हो का भी शख्सियतो पर ,

  कुछ तो असर होता है ........            कुछ तो असर होता है लम्हो का भी शख्सियतो  पर , यूं ही हर शख्स पर हर एक बात असरदार नहीं होती।। मेरी बेरुखी पर भी जो सजदा करे खुशी के लिए मेरी , कैसे कह दूं कि जिंदगी मे कोई पहरे दार नही होती। मुख्तलिफ होकर भी जब कोई नाम सिर्फ मेरा पुकारे,  तो कैसे कह दूं  वफा में हमसफर पतवार नहीं होती।  जब दिल में उतर गया हो या दिल से उतर गया कोई, एक बार होती है वफा या बेवफाई बार बार नहीं होती। ये जिंदगी मिली है किराये पर तो कुछ कद्र कर लो, इस तरह  मुलाकाते अच्छो से हर बार नही होती।।। #पवन कुमार वर्मा। @21/11/2019

तुम हो कहीं मेरी आंखो में ख्वाबों में .......

तुम हो कहीं मेरी आंखो में ख्वाबों में ....... तुम हो कहीं मेरी आंखो में मेरे ख्वाबो में क्यो हो तुम ही मेरी बातो में जज्बातो में।...1 भूल जो गया हूं तुमको मैं दिल से अपने,  फिर क्यो जिंदा हो मेरी यादो में रातो में।....2 मुझे फिक्र नही है तुम्हारी परवाह नही है, तो क्यों हो फिर भी तुम मेरे सवालातो में।....3 कितना सोचता हूँ के कहूं कुछ तुम्हे बुरा। फिर क्यों जिंदा हो तुम तारीफो में बातो में।...4 बहुत कोशिश की तुम्हें ख्वाबो से मिटाने की, जाने क्यो फिर भी बने रहे तुम ख्यालाते में।।..5 - प व न # पवन कुमार वर्मा ।

गुरु वंदना

।।गुरु वंदना।। मेरा क्या है मुझमें जो मैं अभिमान करूं , बनाया जिसने मुझे उस गुरु को प्रणाम करूं। चित के द्वार चिंतन सीखाया जिसने, मनोभावों पर मंथन बताया जिसने, बात उसी की आज मुझमे है। मेरे गुरु की छवि ही मुझमे है। तुम कहो के मै गुणवान बन जाउं, तुम कहो के मै महान बन जाऊं, गुरू आशीष तो हो  साथ मेरे, तो पहले मै इंसान तो बन जाऊं।।